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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ From Sati came using the ritual “suicide” of widows who were immolated by https://shivchalisas.com

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